मछली पालन का बिजनेस बहुत फायदेमंद बिजनेस होता है इस व्यापार को आप कम लागत में शुरू कर सकते हैं। मछली पालन को अग्रेंजी भाषा में Fish Farming कहा जाता है। हमारे भारत देश की तकरीबन 60 प्रतिशत आबादी मछली खाना पसंद करती है। मछली का सेवन करने से कई स्वास्थवर्धक लाभ होते हैं।
मछली को प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत माना जाता है इसलिए इसको खाने वाले लोग हर क्षेत्र में मिल जायेगे चाहे ग्रामीण हो या फिर शहर। भारत में आज भी मछली के तालाबों की कमी है और इसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए नदियों और समुन्द्रों से की जाती है।
मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें?
कई लोगो को लगता है कि मछली पालन करना बहुत आसान है लेकिन सच्चाई यह है कि इस काम को करने के लिए सही प्लानिंग और कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
अगर आप मछली पालन का व्यापार चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ क्रियाकलापों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है जैसे मछली पालन के लिए उपयुक्त स्थान, मछली का खाना, मछलियों की प्रजातियां इत्यादि। तो चलिए सभी जरुर तथ्यों पर विस्तार से जानते हैं।
मछली पालन के लिए सही जगह का चुनाव करें
मछली पालन के लिए आपको सही जगह का चुनाव करना होगा जहाँ पर मछलियों को रहने में कोई दिक्कत ना हो। जब मछलियों के लिए अनुकूलित वातावरण और जलवायु होगा तभी मछलियों का विकास सही तरीके से हो पाएगा।
पहले ज़माने में लोग मछली पालन करने के लिए कुआँ और तालाबों का इस्तेमाल किया करते थे। आप कृत्रिम तलाब का इस्तेमाल कर सकते हैं। मछलियों के लिए जमीन पर तालाब बनाने के लिए आप JCB मशीन की सहायता ले सकते हैं या कुछ मजदूरों लगाकर फावड़े मदद से भी तालाब का निर्माण किया जा सकता हैं।
तालाब का निर्माण होने के बाद उसके सफाई अच्छे से करें और उसमे ब्लीचिंग पाउडर और चूने का छिड़काव जरूर कर दें. ऐसा करने से मछलियों को हानि पहुंचाने वाले कीड़े मर जाते हैं।
मछली की प्रजाति का चुनाव करें
मछलियों की कई प्रजातियाँ होती है इसलिए ऐसी प्रजाति की मछली पालन करें जो हर मौसम में में तेज गति से विकास करें। हमारे देश में कई मछलियाँ ऐसी होती है तो परिस्थिति के अनुसार अपने आप को उस वातावरण ढाल लेती हैं जैसे कटला ,रोहू ,टूना कटला, मुरैल, ग्रास हिस्ला तथा सार्प इत्यादि।
भारत की जलवायु सभी प्रकार की मछलियाँ पालन के लिए अनुकूल मानी जाती है। लेकिन वावजूद इसके ऐसी मछली की प्रजाति का पालन करें जो आपके क्षेत्र के वातावरण और लोगो की मांग के अनुकूल हो। आपको बता दें कि सही मछली की प्रजाति ही आपको इस व्यापार में अच्छा मुनाफा दिला सकता है।
मछलियों के लिए खाना का प्रबंध
मछलियों का विकास उनके वातावरण के साथ साथ भोजन पर निर्भर करता है। अलग-अलग प्रजाति की मछलियों के लिए अलग-अलग भोजन दिया जाता है। खाने के साथ-साथ पानी को लेकर भी सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है। तालाब या टैंक का पानी सही है कि नहीं इसकी जांच करने के बाद ही मछलियों को तालाब में डालना चाहिए।
मछलियों की तेज गति से वृद्धि करने के लिए उन्हें गुणवत्तायुक्त भोजन खिलाना चाहिए। इसके लिए केवल भीतरी खाना पर्याप्त नहीं होता बल्कि पौष्टिक और उच्च गुणवत्ता वाले भोजन को बाजार से खरीदकर खिलाना चाहिए।
मछलियों का रख रखाव
अगर आप मछली पालन करते हैं तो उनका अच्छे से देखरेख करना बहुत आवश्यक होता है तभी मछलियां स्वस्थ और तेजी से विकास करेंगी। मछलियां की देखरेख करने के लिए आप मजदूर रख सकते हैं जो सही समय पर मछलियों को खाना देगा और बीच बीच में पानी की जांच भी करेगा।
इसके अलावा यह भी देखना पड़ता है कि कौन सी मछली बीमार है। यदि एक मछली बीमार पड़ जाती है तो उसका प्रभाव पूरी मछलियों पर पड़ता है। मछली की बीमारी को ठीक करने के लिए पानी में पोटेशियम परमैग्नेट और सोडियम का छिड़काव किया जाता है।
मछली पालन के लिए ट्रेनिंग कहाँ से करें?
भारत सरकार मछली पालन के लिए ट्रेनिंग करवाती है। सरकार समय-समय पर तीनो कृषि मंत्रालय पशुपालन विभाग, डेयरी विभाग, मतस्यपालन के लिए लोगो को ट्रेनिंग करवाती है। ट्रेनिंग की जानकारी पाने के लिए https://dof.gov.in/ वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
इस समय सरकार मतस्यपालन को करने के लिए ज्यादा प्रोत्साहन कर रही है। मतस्यपालन को छोटे पैमाने टैंक या छोटे गड्ढ़े से शुरू किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में भारत सरकार ने 1 लाख 85 हजार रुपये केवल मतस्य सेंटर में खर्च किया था।
मत्स्य पालन की ट्रेनिंग 10 से 15 दिनों की होती है। इस ट्रेनिंग के दौरान आपको सारी चीजें सिखाई जाती है जैसे जैसे कौन मछलियों की प्रजातियां मत्स्य पालन के लिए ज्यादा अच्छी रहती है, मछलियों के लिए सही जलवायु और वातावरण, मछलियों के लिए स्वस्थ आहार, पानी को स्वच्छ कैसे रखा जाए इत्यादि।
मतस्यपालन के लिए लागत
मतस्यपालन का व्यापार करने के लिए आपको शुरुआती में 4 से 5 लाख रूपए आस्वस्यकता पड़ेगी। इतने पैसे से आप मछलियों के लिए तालाब बनानाकर उसमे छोटी मछलियों का बीज डालकर मतस्यपालन शुरू कर सकते हैं।
पानी को स्वच्छ करने के लिए उस कुछ केमिकल मिलाये जाते हैं जिसे आप बाजार से खरीद सकते हैं। मछलियों की कीमत उनकी प्रजातियों पर निर्भर करता है जैसे कुछ प्रजाति की मछली बहुत महंगी और कुछ प्रजाति की मछली सस्ती कीमत पर मिलती है। आप अपने बजट के अनुसार मछली खरीद सकते हैं।
मछलियों की मार्केटिंग कैसे करें?
हमारे भारत देश आधा से अधिक आबादी मछलिय खाना पसंद करते हैं इसलिए इसकी मछलियों की मार्केटिंग ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। भारत के हर सहर में मछलियों की मंडी जरुर लगती है। आप जिस भी शहर या गाँव में रहते हैं अपने नजदीकी मछलियों की मंडी जाकर बेंच सकते हैं।
मंडी में आपको मछली खरीदने के फुटकर और थोक ग्राहक मिल जायेगे जिन्हें आप बेंच सकते हैं। मछली पालन एक सदाबहार बिजनेस है जिस की डिमांड हमेशा बनी रहती है। इसलिए आप जितना ज्यादा इसका उत्पादन करेंगे है उतना ही ज्यादा आपकी कमी होगी है।