पुराना से पुराना बुखार का इलाज | Bukhar Ka Ilaj

पुराना से पुराना बुखार का इलाज – बुखार एक आम बीमारी है जिससे हर व्यक्ति अपने जीवन में कई बार पीड़ित होता है। बुखार आने से न सिर्फ शरीर कमजोर होता है बल्कि लम्बे समय तक बुखार आने से वजन कम होना, सिरदर्द, मन न लगना, टाईफाइड और अन्य दूसरी बीमारियां होने का खतरा रहता हैं।

आज के इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेगे कि बुखार क्या है, इसके कारण, लक्षण और पुराना से पुराना बुखार का इलाज और घरेलू नुख्से कौन-कौन से हैं।

बुखार क्या है (What is Fever in Hindi)

पुराना से पुराना बुखार का इलाज

जब शरीर का तापमान सामान्य स्तर से अधिक हो जाता है तो उसे बुखार कहते है। आमतौर पर एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है, जिसे सेल्सियस में बदलने पर 37 डिग्री सेल्सियस होता है। हालाँकि अलग-अलग क्षेत्र में रहने वाले लोग, वयस्कों और बच्चों का सामान्य तापमान अलग-अलग भी हो सकता है।

अगर आप बुखार से गसित हैं और आपके सरीर का तापमान बुखार 104 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है। ऐसी स्थित में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बुखार आने के कारण (Causes of Fever in Hindi)

बुखार के आने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

  • शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने से।
  • मौसम परिवर्तन के कारण
  • टीकाकरण लगने से।
  • जीवाणु संक्रमण के कारण।
  • सर्दी और फ्लू के कारण।
  • गले में खराश और कान का संक्रमण।
  • कोरोना वायरस के कारण।

बुखार आने के लक्षण (Symptoms of Fever in Hindi)

बुखार आने से निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं।

  • ठंड लगना।
  • शरीर सुस्त और कमजोर होना।
  • सिर में दर्द होना।
  • किसी काम में मन न लगना।
  • बदन दर्द होना।
  • आंखों में जलन होना।
  • भूख न लगना।
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।

पुराना से पुराना बुखार का इलाज – Bukhar Utarne Ka Gharelu Upay

जैसा कि हमने ऊपर बताया है बुखार के आम समस्या है जो किसी भी हो सकती है। अगर आप को बुखार है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, आप घर पर रहकर भी इसका इलाज कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि पुराना से पुराना बुखार का इलाज और घरेलू उपचार क्या है।

(1) ठंडे पानी की पट्टी

बुखार आने पर पीड़ित के माथे पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से तेज बुखार उतर जाता है। यह उपाय काफी पुराना और कारगर माना जाता है। आप गीले पट्टी को पीड़ित के तलवे, माथे, बगल, हथेलियों और गर्दन पर रख सकते हैं, क्योंकि ये अंग ज़्यादा गर्म हो जाते हैं।

(2) गिलोय का प्रयोग

पुराना से पुराना बुखार का इलाज करने के लिए गिलोय का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 4-6 लम्बी गिलोय को लेकर 400 मि.ली. पानी में डालकर उबालें। इसे तब तक उबलने दें जब तक 100 मि.ली. शेष पानी न बच जाए। इसके बाद इस मिश्रण को छानकर पिए। इस प्रक्रिया से आपके शरीर की इम्युनिटी मजबूत होगी और बुखार से आप बच सकते हैं।

(3) लहसुन का प्रयोग

लहसुन एंटी-बैक्टिरीयल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल और कई सारे आयुर्वेदिक तत्व मौजूद होते हैं जिसका इस्तेमाल पुराना से पुराना बुखार का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए लहसुन की पांच कलियों को घी में भूनकर सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से सर्दी जुकाम और बुखार को दूर किया जा सकता है।

(4) तुलसी का प्रयोग

तुलसी में जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं जिसका इस्तेमाल बुखार उतारने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आप एक कप पानी में , 8-10 तुलसी के पत्ते और आधा चम्मच पिसा हुआ अदरक डालकर उबालें। अब इस मिश्रण को छानकर इसमें आधा चम्मच शहद मिला लें और सेवन करने। यह घरेलू नुस्खा बच्चों के साथ बड़ों को भी बुखार में राहत दिलाने के लिए कारगर होता है।

(5) सेब का सिरका

पुराना से पुराना बुखार का इलाज करने के सेब के सिरके का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। सेब का सिरका में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया जाता है जो बैक्टीरिया मारने और संक्रमण को रोकने में मदद करता है। इसके लिए 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका सेवन कर सकते हैं।

(6) हल्दी का प्रयोग

हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) नामक तत्व होता है जो बुखार की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीवायरल, एंटिफंगल, और एंटीबैक्टीरियल आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है। इसके लिए आप एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर रात में सोने से पहले इसे पी लें।

(7) अदरक का प्रयोग

अदरक में एंटीवायरल गुण मौजूद होता है, जो सर्दी-जुकाम की वजह से आने वाली बुखार को उतारने में मदद करता है। इसके लिए आप को एक कप पानी में आधा चम्मच घिसी हुई अदरक को डालकर गर्म कर लें। इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर चाय की तरह पियें।

(8) पुदीने के पत्ते

पुदीने की पत्तियां शरीर के आंतरिक भाग को शीतलता प्रदान करते हैं। साथ ही शरीर के तापमान को नियंत्रित रहने में मदद करती है। पुराना से पुराना बुखार का इलाज करने के लिए एक कप पानी में एक चम्मच पुदीने की पत्तियों को पीसकर मिला लें और इसे गर्म करें। 10 मिनट उबलने के बाद इसे छान लें। अब इस मिश्रण में थोडा सा शहद मिलाकर सेवन करें।

(9) दालचीनी का प्रयोग

दालचीनी का सेवन करने से कई सारे स्वास्थवर्धक लाभ मिलते हैं। साथ ही इसका करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत होता है और बुखार, कमजोरी दूर होती है। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद और दालचीनी चूर्ण मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

(10) किशमिश का प्रयोग

किशमिश में फिनोलिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phenolic phytonutrients) मौजूद होते हैं जो बुखार में आपके शरीर के लिए एक टॉनिक की तरह काम करती है। इसके लिए आप 20-25 किशमिश को पानी भिगोकर 1 घंटे के लिए रख दें। जब किशमिश फूल जाएँ तो इसे पानी में पीसकर, छान लें। अब इस मिश्रण में आधा नींबू का रस मिलाकर दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

मैं आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट पुराना से पुराना बुखार का इलाज (Bukhar Ka Ilaj) जरूर अच्छी लगी होगी। यह पोस्ट केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है। इसलिए इस पर अमल करने से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। यह ब्लॉग इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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